Monday, May 20, 2024
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27वे महावीर अवार्ड के लिए  नामांकन प्रेषित करें : एन. सुगालचंद जैन

नई दिल्ली। चेन्नई शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए खूब जाना जाता है,खास करके मंदिरों की भरमार, स्वादिष्ट भोजन,बोलने में कठिनाई महसूस होने वाली तमिल और अंग्रेजी भाषा साथ ही साथ सबसे लोकप्रिय त्योहार पोंगल के आयोजन की सरगर्मी के लिए चेन्नई शहर देश-दुनिया खूब जाना पहचाना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस शहर में हिंदी भाषियों का भी एक इलाका खूब चर्चित है जहां प्रदेश के विकास और शहर के सम्मान और गरिमा खूब गम किया जाता है। यहां का राजस्थानी समाज शहर और देश के विकास के बारे में काफी कुछ सोचता है। शहर के जाने-माने प्रतिष्ठित समाजसेवी,उद्योगपति,चिंतक,लेखक एवं प्रखर वक्ता  एन. सुगालचंद जैन का भी परिवार पिछले 100 साल से अधिक समिति निवास कर रहा है जो विभिन्न तरह के सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। इस कार्य में श्री एन. सुगालचंद जैन भी हमेशा आगे रहते हैं। उनका मानना है कि समाज एवं देश के विकास में निस्वार्थ भाव से श्रेष्ठ  कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने एक संस्था भगवान महावीर फाउंडेशन बनाई है जिसके माध्यम से पिछले 3 दशकों से देशभर के कर्मयोगी व्यक्तियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं को सम्मानित कर रहा है तथा सांस्कृतिक एवं धार्मिक चेतना के लिए तरह तरह के अभियान संचालित किए जा रहे हैं। भगवान महावीर फाउंडेशन के बैनर तले आज 26वें महावीर अवार्ड की घोषणा की गई और कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई जो आज के परिपेक्ष में जानना और समझना अत्यंत आवश्यक है। एन. सुगालचंद जैन ने बताया कि वर्ष 1994 में स्थापित भगवान महावीर फाउंडेशन ने निस्वार्थ सेवा करने वाले लोगों की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के लिए 26वें महावीर पुरस्कारों के लिए पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है। लेकिन इसी समय फाउंडेशन द्वारा अगले पुरस्कार चयन के लिए नामांकन मांगा जा रहा हैं । महावीर अवार्ड के बारे में उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा-जन जागृति, चिकित्सा और समुदायिक विकास एवं सेवा के लिए हर वर्ष प्रदान किया जाता है। एन. सुगालचंद जैन जी का कहना है कि फील्ड में काम करने वाले कर्म योगियों को सम्मानित किया जाना चाहिए।उन्हें उत्साहित किया जाना चाहिए।  उनका मानना है कि जो लोग निस्वार्थ भाव से बेसहारा तथा संकट से जूझ रहे लोगों की सेवा करते हैं, वह सच्चे देश के कर्मयोगी हैं। उन्होंने कहा कि 27वें महावीर अवार्ड की जानकारी वेबसाइट पर दी गई है । कर्मयोगियों के लिए समर्पित व्यक्तियों तथा संस्थाओं से अनुरोध है कि वह इस अवार्ड के लिए नामांकन भेजें । अवार्ड के चयन समिति के सदस्य और पूर्व चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त चयन समिति के सदस्य, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त,  टीएस कृष्णमूर्ति ने आज पुरस्कार चयन की विधि की चर्चा की और उसके बारे में कई महत्वपूर्ण बात बताई । उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के चार पुरस्कारों के चयन के लिए काफी छानबीन करनी पड़ती है।तब कहीं निष्कर्ष पर पहुंचते हैं ।  इस बार भी पुरस्कार के बारे में सतही जानकारी एकत्र कर उसका मूल्यांकन किया जाता है। फिर घोषणा की जाती है। उन्होंने बताया कि महावीर अवार्ड के चयन समिति में देश के कई प्रख्यात हस्तियां शामिल है। फाउंडेशन के ट्रस्टी  विनोद कुमार सबसे युवा,विनम्र एवं होनहार समाजसेवी है जो फाउंडेशन के हर छोटी से बड़ी गतिविधियों को बारीकी से समझने तथा परामर्श देने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।  विनोद कुमार मार्गदर्शन में फाउंडेशन की सेवाओं को लोगों से जुड़ने के लिए कई प्रकार की आधुनिक व्यवस्था एवं संपर्क विधि विकसित की गई है। जिसके माध्यम से भर के कर्मयोगियों को ढूंढने में सहायता मिल रही है। उनका मानना है कि इस अभियान को और प्रखर बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए फाउंडेशन निरंतर समर्पित है। आज की प्रेस वार्ता में यह बताया गया कि 26वें महावीर पुरस्कारों के लिए शॉर्टलिस्टिंग कमेटी ने 324 नामांकनों पर विचार किया। पुरस्कार विजेताओं का निर्णय भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति  एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता वाली एक प्रतिष्ठित चयन जूरी द्वारा किया गया था । अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा, चिकित्सा और सामुदायिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में मानव प्रयास में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं।अब तक 22 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 84 पुरस्कार विजेताओं को दिया गया है जो असाध्य लोगों के  कल्याण हेतु निःस्वार्थ भाव सर्वोच्य सेवाये दिये  है। इस पुरस्कार को हमारे देश की प्रतिष्ठित हस्तियां जैसे भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति, राज्यपालों, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने पुरस्कार प्रदान किए हैं। इस वर्ष 4 और पुरस्कार विजेताओं का चयन किया गया है, जिससे अब कुल 88 पुरस्कार हो जाएँगे ।इन पुरस्कारों को उन्हें दिया जा रहा है जो व्यक्ति और संस्थान हमारे समाज में असुविधा ग्रस्त और कमजोर लोगों के कल्याण हेतु निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन परोपकारी व्यक्तियों की गतिविधियों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और दूसरों को उनका अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से, भगवान महावीर फाउंडेशन ने महावीर पुरस्कारों की स्थापना की है जो हर साल प्रदान किया जाता है।फाउंडेशन की गतिविधियों को इसके प्रबंध न्यासी प्रसन्नचंद जैन द्वारा कुशलतापूर्वक निर्देशित और पर्यवेक्षण किया जाता है।इस पुरस्कार के चयन हेतु जिला प्रशासकों, विधायकों, नौकरशाहों, शिक्षाविदों, मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सांसदों और अन्य प्रतिष्ठित लोगों की मदद से देश भर से निर्धारित प्रारूप में नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं। देश के लगभग सभी राज्यों से हर साल नामांकन प्राप्त होते हैं। फाउंडेशन 27 वें महावीर पुरस्कारों के लिए 4 श्रेणियों, अर्थात् अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा, चिकित्सा और सामुदायिक और सामाजिक सेवा में निस्वार्थ सेवा करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों से नामांकन आमंत्रित करता है। नामांकन प्रपत्र हमारी वेबसाइट www.bmfawards.org से डाउनलोड किया जा सकता है।

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